आज मोहम्मद नदीम राज्य सूचना आयुक्त, उ०प्र० की अध्यक्षता में आज पूर्वाह्न 11:00 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के समस्त विभागों के जन सूचना अधिकारियों एवं उनके प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी श्रीमती जसजीत कौर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन विनय कुमार सिंह सहित सभी जन सूचना अधिकारी एवं उनके प्रथम अपीलीय अधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का तात्पर्य जन सामान्य को जवाब देही और शासकीय कार्यों में पारदर्शिता बरतना है। उन्होंने कहा कि आम नागरिक का अधिकार है कि वह सूचना अधिकार के अंतर्गत निहित धाराओं के अनुरूप सूचनाएं प्राप्त करें और इसी के साथ शासकीय अधिकारियों का कर्तव्य है की सूचना मांगने वाले को निर्धारित समय अवधि में सूचनाऐं उपलब्ध कराई जाए। यदि किसी कारणवश शिकायतकर्ता को वांछित जानकारी देना संभव न हो तो निर्धारित प्रावधानों के हवाले के साथ उनको 30 दिन के अंदर सूचित करना सुनिश्चित करें ताकि वह संतुष्ट हो सके। उन्होंने जन सूचना से संबंधित सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वर्ष 2022 एवं 2023 के जो वाद लंबित हैं उनका पूर्ण गुणवत्ता के साथ निस्तारण करना सुनिश्चित करें, अन्यथा उनके विरुद्ध अर्थ दंड की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि मासिक रूप से सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रकरणों की समीक्षा करें और यथासंभव अधिक से अधिक वाद अपीलीय अधिकारी स्तर पर ही निस्तारित कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें।
उन्होंने सभी प्रथम अपीलीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि यदि शिकायतकर्ता द्वारा की गई अपील को ध्यान पूर्वक पढ़ें और यथासंभव उनको सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि द्वितीय अपील के लिए उनको आयोग जाने के लिए बाध्य न होना पड़े। उन्होंने कहा कि अपलीय अधिकारियों द्वारा अपील पर गंभीरता पूर्वक कार्यवाही न करने के फल स्वरुप शिकायतकर्ता आयोग पहुंचते हैं जिससे आयोग पर अनावश्यक वादों का बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि अपील अधिकारी गंभीरता पूर्वक शिकायतकर्ता की अपील पर कार्यवाही करें तो जिला स्तर पर ही उसका समाधान संभव हो सकता है।
उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति द्वारा जन सूचना अधिनियम-2005 के दुरुपयोग करने को गंभीरता से लिया जाएगा और नियम अनुसार उसके विरुद्ध कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि एक साल पूर्व उनके कार्यभार ग्रहण करने के समय लगभग 26 हजार वाद उनकी अदालत में लंबित थे, इस अवधि में उनमें से 70% से अधिक वादों का निस्तारण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर शिकायतों पर आवश्यक कार्रवाई न होने की वजह से 20 हजार से अधिक नए केस लंबित हैं, जिनमें अनावश्यक विलम्ब एवं गुणवत्तापूर्ण पूर्वक कार्यवाही न करने पर 569 केसों में उनके द्वारा अर्थदंड लगाया जा चुका है।
इस अवसर पर उन्होंने जन सूचना एवं अपीलीय अधिकारियों की शंकाओं का समाधान किया और उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई।
बैठक के उपरांत माननीय सूचना आयुक्त मौहम्मद नदीम द्वारा जिले के पत्रकार बंधुओं से वार्ता भी की गई।
जिलाधिकारी श्रीमती जसजीत कौर द्वारा माननीय सूचना आयुक्त को आश्वस्त करते हुए कहा गया कि उनके द्वारा दिए गए आदेशों का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा और जन सूचना अधिकार से संबंधित प्रकरणों को गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण के लिए मासिक रूप से समीक्षा भी की जाएगी।