पुलिस की प्रताड़ना से आहत होकर इंजीनियरिंग छोड़ आईपीएस बने अभिषेक झा ने संभाल बिजनौर का चार्ज


आईपीएस अभिषेक का जन्म 25 अक्टूबर 1988 को बिहार के कटिहार में भरत भूषण झा के परिवार में हुआ था। उनके पिता डीएम कार्यालय में हेड क्लर्क और उनकी माता एक टीचर है।आईपीएस अफसर अभिषेक की प्राथमिक शिक्षा से लेकर हाईस्कूल तक की शिक्षा कटिहार में ही पूर्ण हुई। इसके पश्चात उन्होंने पटना से इटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की।

आईपीएस अधिकारी अभिषेक ने इंटर के बाद कालीकट के इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक की डिग्री प्राप्त की। डिग्री हासिल करने के बाद आईपीएस अफसर का चयन मल्टी नेशनल कम्पनी में हो गया था। जहा आईपीएस अफसर को एमएनसी कम्पनी में बेहतरीन पैकेज मिलता था।लेकिन लेकिन साल 2011 में उन्होंने सिविल सर्विस में जाने के लिये अपने पापा की सलाह के बाद नौकरी छोड़ दी थी।आईपीएस अफसर ने साल 2012 में पहला अटेम्पट दिया था लेकिन वह उसमें सफल नहीं हो पाये थे। आईपीएस अफसर तीसरे प्रयास में सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर साल 2015 बैच के आईपीएस अफसर बन गये।

अभिषेक झा भी 2011मे पुलिस प्रताड़ना से आहत हो चुके थे, जैसे नीरज जादौन जी एसपी बनने से पहले हुए थे।एक बार बेंगलुरू में और दूसरा दिल्ली के मुखर्जी नगर में।जब इनको अपनी एफआईआर लिखवाने के लिए पुलिस से बहुत जद्दोजहद करनी पड़ी थी,तब इन्होंन तय किया कि पुलिस में प्राथमिक हक के लिए किसी को परेशान नहीं होने देंगे। दो घटनाओं ने उन्हें जनसेवा करने के लिए प्रेरित किया।इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़कर आईपीएस अफसर बनने की ठान ली।

अंडर ट्रेनी के रूप में आईपीएस अफसर अयोध्या, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और नोएडा में डीसीपी क्राईम के पद पर तैनात रहे। शासन ने आईपीएस अफसर अभिषेक का नोएडा डीसीपी क्राईम के पद से तबादला कर उन्हें शामली का पुलिस अधीक्षक बनाया। और आज जिला बिजनौर के पुलिस अधीक्षक है।

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