आगामी नगर निगम चुनावों के मध्यनजर आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो जाने के बाद कोटद्वार नगर निगम के मेयर पद पर पार्टी अधिकृत प्रत्याशी बनने के लिये सभी दावेदारो द्वारा अपनी कोशिशें तेज कर दी गयी है।
नगर निगम कोटद्वार मे असली मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच होगा लेकिन सामान्य सीट होने के कारण निर्दलीय प्रत्याशियो की कमी भी नही रहेगी जो कि भाजपा और कांग्रेस का खेल बिगाड सकते है।
कोटद्वार नगर निगम चुनाव मे पिछले चुनाव मे प्रदेश मे सत्तासीन होने बाबजूद कांग्रेस के सभी स्थानीय नेताओ की एकजुटता के कारण भाजपा को हार का मुंह देखना पडा लेकिन इस बार भाजपा फूंक फूंक कर कदम आगे बढा रही है।
भाजपा से टिकट के मुख्य दावेदारो मे प्रमुख रूप से पूर्व विधायक शैलेन्द्र रावत,जिलाध्यक्ष बीरेन्द्र रावत,प्रवक्ता विपिन कैंथोला,मण्डी समिति के पूर्व अध्यक्ष सुमन कोटनाला,युवा नेता राजगौरव नौटियाल, कृष्ण बहुगुणा, कुलदीप अग्रवाल,सहित कई दावेदार शामिल हैं। सुमन कोटनाला के पक्ष मे लैन्सडौन के विधायक दलीप रावत भी खुलकर सामने आ चुके है।
वही नगर निगम बनने के पहले चुनाव मे जीत हासिल कर चुकी कांग्रेस मे निवर्तमान मेयर हेमलता नेगी का दावा अपने आप मे पुख्ता माना जा रहा है लेकिन पार्टी संगठन मे पूर्व राज्यमंत्री एडवोकेट जसबीर राणा,पूर्व ब्लॉक प्रमुख गीता नेगी,एवं पूर्व महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष रंजना रावत,बलबीर सिंह रावत,अमितराज सिंह,पुष्कर राणा,विजय रावत,सुनील सेमवाल,अमित नेगी के नाम पर चर्चा संगठन मे होने की खबर है।यद्यपि हेमलता नेगी का दावा मजबूत है लेकिन उनके न लडने की स्थिति मे उनकी राय सर्वोपरि होगी ऐसी स्थिति मे वे गीता नेगी का समर्थन कर सकती है वही जसबीर राणा के सरकार एवं सांगठनिक अनुभव शीर्ष नेताओ की घनिष्ठता एवं काग्रेस के प्रति समर्पण एवं वरिष्ठता का लाभ मिल सकता है।वही लगातार सक्रियता रंजना रावत को लाभ दिला सकती है। पूर्व सैनिको ने जहां महेन्द्र पाल सिह को चुनाव लडाने का मन बना दिया वही अभी यूकेडी ने अपने पत्ते नही खोले है।