पहाड़ों में हो रही बारिश से नयार नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया जिससे नयार नदी में चल रहे झील निर्माण कार्य में बाधा आ गई।
आपको बताते चले कि झील का कार्य कर रहे ठेकेदार के द्वारा अपना ऑफिस मजदूरों के रहने की व्यवस्था तथा सामग्री रखने का स्टोर नदी में ही बना रखा था जिससे नदी में आए तेज पानी की वजह से ठेकेदार की कई मशीन पानी में डूब गई तथा झील का कार्य भी बाधित हो गया।गनीमत यह रही की समय रहते मजदूर वहां से अन्य स्थान पर चले गए वरना कोई अप्रिय घटना भी हो सकती थी।
अब देखने वाली बात यह है कि संबंधित विभाग को क्या इस बात की जानकारी नहीं थी कि जल स्तर बढ़ने से सामग्री का नुकसान और जनहानि हो सकती थी उसके बाद भी उन्होंने ठेकेदार को क्यों नहीं चेताया।
इस घटना से यही प्रतीत होता है कि संबंधित विभाग कुंभकरण की नींद में सोया हुआ है।तथा विभाग को कोई फर्क नही पडता की मजदूर के रहने की व्यवस्था ठेकेदार ने कहा कर रखी है। ठेकेदार के द्वारा कोई ऐसा कार्य तो नहीं किया जा रहा है जिससे कोई जनहानि या विभाग,शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो।
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